चंडीगढ़ न्यूज़-24 जून: आमिर खान की ‘सितारे ज़मीन पर’ से जबरदस्त वापसी, दिल छू लेने वाली कहानी से दर्शकों को किया भावुक
लगातार सात साल तक फ्लॉप फिल्मों का सामना करने के बाद आमिर खान ने फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ के जरिए बॉक्स ऑफिस पर दमदार वापसी की है। यह फिल्म न केवल आमिर के करियर के लिए अहम साबित हो रही है, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी खास जगह बना रही है।
20 जून को रिलीज़ हुई यह फिल्म 2007 की ‘तारे ज़मीन पर’ से अलग है, लेकिन दोनों फिल्मों में एक समानता है – समाज को जागरूक करने वाला मजबूत संदेश। जहां पहली फिल्म डिस्लेक्सिया जैसे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर पर आधारित थी, वहीं ‘सितारे ज़मीन पर’ ऑटिज़्म और डाउन सिंड्रोम से पीड़ित लोगों की भावनाओं और सामाजिक स्वीकार्यता की बात करती है।
फिल्म की कहानी गुलशन अरोड़ा (आमिर खान) नामक एक बास्केटबॉल कोच के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे अदालत द्वारा बौद्धिक अक्षमता से जूझ रहे युवाओं को कोचिंग देने की सजा दी जाती है। शुरुआत में सख्त और गुस्सैल स्वभाव का गुलशन जब इन विशेष बच्चों के करीब आता है, तो उसकी सोच और ज़िंदगी दोनों बदल जाती है।
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसका कंटेंट है – यह न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि सोचने पर भी मजबूर करती है। आमिर खान के साथ जेनेलिया डिसूजा की केमिस्ट्री दिल जीतने वाली है। वहीं अरूश दत्ता, गोपी कृष्णन वर्मा और वेदांत शर्मा जैसे कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदारों को पूरी सच्चाई के साथ निभाया है।
हालांकि फिल्म की लंबाई (158 मिनट) और खासकर दूसरा हाफ काफी खिंचा हुआ लगता है। अंत तक आते-आते फिल्म कुछ ज्यादा ही उपदेशात्मक हो जाती है और एक मोरल लेक्चर जैसी फील देती है। फिर भी आर.एस. प्रसन्ना के निर्देशन और शंकर-एहसान-लॉय के संगीत ने फिल्म में जान डाल दी है।
फैमिली ऑडियंस के लिए यह फिल्म एक अच्छा विकल्प है, खासतौर पर बच्चों और युवाओं के लिए यह फिल्म एक संवेदनशील सामाजिक संदेश लेकर आती है।
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐☆ (3.5/5)