ISS से शुभांशु शुक्ला की वापसी: पृथ्वी पर चलने-देखने तक में होगी दिक्कत, जानें क्यों

चंडीगढ़ न्यूज़-15 जुलाई: पृथ्वी पर लौटने के बाद क्या होगा शुभांशु शुक्ला के साथ? नासा की मेडिकल जांच से लेकर भारत वापसी तक की पूरी प्रक्रिया
भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिन अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर बिताने के बाद अब पृथ्वी पर लौट आए हैं। स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के जरिए वह अपने तीन अंतरराष्ट्रीय साथियों के साथ प्रशांत महासागर में लैंड हुए। अब अगला चरण शुरू हो चुका है—वापसी के बाद की मेडिकल जांच, रिकवरी और रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया।

कैसे निकाला जाएगा कैप्सूल से?
कैप्सूल के पानी में लैंड होते ही विशेष रिकवरी टीम सक्रिय हो जाती है। शुभांशु और उनकी टीम को सबसे पहले ड्रैगन कैप्सूल से निकालकर या तो स्ट्रेचर पर या सहारे से बाहर लाया जाएगा। समुद्र की सतह से निकालकर उन्हें हेलिकॉप्टर या स्पेशल बोट के जरिए नजदीकी सैन डिएगो स्थित रीकवरी फैसिलिटी तक पहुंचाया जाएगा।

कैसी होती है लौटने के बाद की चुनौती?
गुरुत्वाकर्षण बल की गैरमौजूदगी में लगभग तीन हफ्ते बिताने के बाद शरीर कई बदलावों से गुजरता है। पृथ्वी पर लौटते ही मिशन क्रू को चलने, खड़े होने और यहां तक कि आंखों की रोशनी के फोकस में भी दिक्कत हो सकती है। इसी वजह से शुरूआती कुछ घंटों और दिनों में उन्हें निरंतर मेडिकल निगरानी में रखा जाता है।

NASA कैसे करता है परख?
नासा की मेडिकल टीम आने वाले कुछ दिनों तक शुभांशु और उनके साथियों की पूरी स्वास्थ्य जांच करेगी। इसमें न्यूरोलॉजिकल टेस्ट, बोन डेंसिटी, मसल फंक्शन, ब्लड रिपोर्ट और मेंटल हेल्थ से जुड़े आंकड़े जुटाए जाएंगे। यह प्रक्रिया स्पेस मिशन के प्रभाव को समझने के लिए बेहद अहम होती है।

भारत वापसी कब तक संभव?
शुभांशु की भारत वापसी फिलहाल मेडिकल ऑब्जर्वेशन और रिकवरी शेड्यूल पर निर्भर करेगी। आमतौर पर ऐसा क्रू मिशन कंप्लीट होने के 10-15 दिन बाद अपने देश लौटता है। संभव है कि शुभांशु अगस्त की शुरुआत तक भारत आ सकें।

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