उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: स्वास्थ्य वजह या कोई गहरी सियासी चाल?
देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया. उन्होंने अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की बात कही, लेकिन राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हैं कि मामला सिर्फ सेहत का नहीं, कुछ और भी है जो सामने नहीं दिख रहा.
मार्च में AIIMS में भर्ती होने के बाद से ही उनके स्वास्थ्य को लेकर चर्चा थी. लेकिन सोमवार को अचानक उन्होंने राष्ट्रपति से मुलाकात कर इस्तीफा सौंप दिया, जिससे हलचल और भी बढ़ गई है.
धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय आया है जब संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है, और जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है, जिसे खुद धनखड़ ने स्वीकार किया था. वहीं, हाल ही में विपक्षी नेताओं के साथ उनकी मुलाकातों ने भी कई सवाल खड़े किए हैं.
धनखड़ ने तीन साल से भी कम समय तक उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में सेवा की. अब 60 दिनों के भीतर नए उपराष्ट्रपति का चुनाव होना तय है. तब तक हरिवंश कार्यकारी सभापति की भूमिका निभाएंगे.
क्या इस्तीफे के पीछे NJAC मुद्दा या विपक्ष से नज़दीकी है वजह?
सूत्रों के अनुसार, धनखड़ सरकार की कई नीतियों से असहमत थे — खासकर न्यायपालिका में सुधार और NJAC जैसे मुद्दों पर. इसके अलावा, उनकी मल्लिकार्जुन खड़गे और अरविंद केजरीवाल से हालिया मुलाकात ने सरकार के कान खड़े कर दिए थे.