संजीव महाजन
नूरपुर
हिमाचल प्रदेश-9 जुलाई: बरसात के मौसम में संक्रामक रोगों की आशंका बढ़ जाती है। बदलते तापमान और नमी के कारण वायरल बुखार, डायरिया, सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं। इसको लेकर चिकित्सकों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय सुल्याली के आयुर्वेदिक चित्सक अधिकारी डा० सन्नी जरियाल ने कहा कि बरसात में बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। उन्होंने बताया बरसात का मौसम सिर्फ बारिश लेकर नही आता है अगर आयुर्वेद को समझे तो यह वात और दोष को भी बढाता है और शरिर मे पित को इकट्ठा करना शुरु कर देता है जिससे हमारी जठ आगनी है पाचन आगनी है उसको कम कर देता है । वरसात मे वातावरण की नमी मे फंगस, बैकटिरिया,मच्छर ,किट पंतगे के लिए अनकुल प्रस्तियां वन जाती है जिस से बीमारिया बढ़ जाती है । इस मौसम मे दूषित जल के कारण पीलिया, हैपेटाइटिस, टाइफाइड ,मलेरिया ,डेंगू आदि जैसे रोग बढ़ जाते है उन्होंने कहा कि नागरिक उबालकर या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं। ताजा और घर का बना भोजन करें। खुले स्थानों पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें। उन्होंने कहा कि अधिकतर वायरल संक्रमण इस मौसम में नमी और गंदगी से पनपते हैं, ऐसे में साफ-सफाई जरूरी है। उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। जिससे वे जल्दी संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को गीले कपड़े पहनने से बचाएं और यदि भीग जाएं तो तुरंत कपड़े बदलें। बच्चों को बाहर के खाने से दूर रखें और घर में हाइजीन का विशेष ध्यान रखें। खांसी, जुकाम, दस्त या बुखार की स्थिति में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।