चंडीगढ़, 24 जुलाई 2025:
हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (HERC) में लंबे समय से रिक्त चल रहे सदस्य पद पर आखिरकार नियुक्ति हो गई है। हरियाणा सरकार के ऊर्जा विभाग द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, श्री शिव कुमार को आयोग का नया सदस्य नियुक्त किया गया है। यह पद पूर्व सदस्य नरेश सरदाना के कार्यकाल की समाप्ति के उपरांत 28 मई 2024 से रिक्त चल रहा था।
यह नियुक्ति विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 82 और 89 के तहत राज्य सरकार को प्रदत्त शक्तियों के तहत की गई है। आदेश के अनुसार, श्री शिव कुमार का कार्यकाल पदग्रहण की तिथि से पाँच वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) तक होगा। उनकी नियुक्ति हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (अध्यक्ष एवं सदस्य की सेवा शर्तें) नियमावली, 1998 (संशोधित समय-समय पर) के अधीन विनियमित होगी।
सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, श्री शिव कुमार को एक शपथ-पत्र देना होगा कि उनका कोई ऐसा वित्तीय या निजी हित नहीं है, जो उनके आयोग सदस्य के रूप में कर्तव्यों को पक्षपातपूर्ण रूप से प्रभावित कर सके, जैसा कि विद्युत अधिनियम की धारा 85(5) में वर्णित है। इसके अतिरिक्त, उन्हें यह भी घोषित करना होगा कि उन पर कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है, कोई आरोप-पत्र दायर नहीं हुआ है, तथा वे किसी अपराध में दोषसिद्ध नहीं हुए हैं।
इस नियुक्ति से पूर्व गठित चयन समिति ने 5 मई 2025 को दो नामों की अनुशंसा मुख्यमंत्री को सीलबंद लिफाफे में भेजी थी। समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एच.एस. भल्ला ने की, जिसमें हरियाणा के मुख्य सचिव तथा केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (CERC) के अध्यक्ष सदस्य के रूप में सम्मिलित थे। यह समिति 3 मई 2025 को हरियाणा भवन, चंडीगढ़ में बैठक कर अंतिम नामों का चयन करने पर पहुँची।
सूत्रों के अनुसार, श्री शिव कुमार को जल्द ही हरियाणा के विद्युत मंत्री श्री अनिल विज द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2 जुलाई 2024 को इस पद के लिए विज्ञापन जारी किया था और 23 जुलाई 2024 तक 63 आवेदन प्राप्त हुए थे। प्रक्रिया में हुई देरी के कारण HERC के कार्यों पर व्यावहारिक असर पड़ रहा था, क्योंकि तीन में से एक सदस्य पद खाली था।
वर्तमान में आयोग में:
श्री नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं, जो इससे पूर्व सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) में सीएमडी रह चुके हैं।
श्री मुकेश गर्ग, दूसरे सदस्य के रूप में सेवारत हैं, जो विधि क्षेत्र से आते हैं।
श्री शिव कुमार, जिनके पास विद्युत क्षेत्र का व्यापक अनुभव है, की नियुक्ति के साथ आयोग अब पूर्ण संरचना में कार्य करेगा, जिससे नीतिगत निर्णयों, उपभोक्ता संरक्षण और नियामक पारदर्शिता में गति आने की संभावना है।
बिजली क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की नियुक्तियों में समयबद्धता, पारदर्शिता और नियमबद्ध प्रक्रिया अत्यंत आवश्यक है ताकि आयोग की विश्वसनीयता और कार्यकुशलता बनी रहे।