चंडीगढ़ न्यूज़-19 जुलाई: अमेरिका द्वारा ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारत ने इसे एक बड़ी कूटनीतिक जीत करार दिया है, जबकि पाकिस्तान में खलबली मच गई है। इस फैसले के बाद FATF और UNSC में पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है। भारत को उम्मीद है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंचों पर उसे अमेरिका का भी मजबूत समर्थन मिलेगा।
TRF को लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी बताते हुए अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है, जिससे भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है। वहीं, पाकिस्तान TRF के लश्कर से जुड़े होने से इनकार कर रहा है और पहलगाम हमले की जांच को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है।

चीन का कड़ा बयान भी पाकिस्तान की चिंता बढ़ा रहा है। पहलगाम आतंकी हमले पर चीन के विदेश मंत्रालय ने सख्त लहजे में निंदा की है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। चीन ने क्षेत्रीय सहयोग से आतंकवाद के खात्मे की बात भी दोहराई है।
TRF पर अमेरिकी कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में FATF और UNSC में पाकिस्तान को आतंकवाद को लेकर और जवाबदेही का सामना करना पड़ सकता है।
भारत के लिए यह प्रतिबंध एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है, खासकर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर वैश्विक मंचों पर आतंक के खिलाफ कड़ी नीति के पक्षधर रहे हैं।