समग्र शिक्षा ने समावेशी शिक्षा को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक और सराहनीय पहल की है। पहली बार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को देश की राजधानी दिल्ली और चंडीगढ़ की चार दिवसीय एक्सपोजर विजिट पर भेजा गया है।
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा के नेतृत्व में की गई इस पहल का उद्देश्य इन बच्चों को भारत की सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक विरासत से परिचित कराना, उनमें आत्मविश्वास जागृत करना तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। यह यात्रा न केवल उनके लिए एक शिक्षण अनुभव है, बल्कि जीवन को नए दृष्टिकोण से देखने का एक अनमोल अवसर भी है। यात्रा के लिए 65 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों सहित 110 सदस्यीय दल रविवार को शिमला से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुआ। दल में समावेशी शिक्षा की राज्य समन्वयक प्रतिभा बाली, स्पेशल एजुकेटर और अन्य अधिकारी भी शामिल रहे।
चंडीगढ़ पहुंचने पर बच्चों ने एक होटल में रात्रि विश्राम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सोमवार सुबह बच्चों ने सुखना झील की सैर की, बोटिंग का आनंद लिया और मनोरंजक गतिविधियों में भाग लेकर उत्साहपूर्वक दिन बिताया। इस यात्रा के दौरान बच्चों को हवाई यात्रा भी करवाई जाएगी। दिल्ली पहुंचकर बच्चों को देश की लोकतांत्रिक एवं सांस्कृतिक विरासत के प्रत्यक्ष दर्शन का अवसर मिलेगा। वे संसद भवन का भ्रमण करेंगे, जहां वे भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया, व्यवस्थाओं और संस्थानों के संचालन को नजदीक से देख सकेंगे। वे लाल किले जैसे ऐतिहासिक धरोहर स्थलों का दौरा भी करेंगे। दिल्ली से वापसी पर यह दल शताब्दी एक्सप्रेस से चंडीगढ़ पहुंचेगा और 18 जून को शिमला लौट आएगा।