वित्त विभाग ने सोमवार को जारी कार्यालय ज्ञापन के तहत सभी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों से न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) में जाने के लिए 30 जून तक विकल्प मांगे हैं।
अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के लिए हिमाचल सरकार ने भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू कर दी है। वित्त विभाग ने सोमवार को जारी कार्यालय ज्ञापन के तहत सभी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों से न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) में जाने के लिए 30 जून तक विकल्प मांगे हैं। हिमाचल सरकार ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग भारत सरकार की ओर से जारी निर्देशों और पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण के विनियामक दिशा-निर्देशों के अनुसार 1 अप्रैल 2025 से यूपीएस को लागू करने का फैसला लिया है।
अखिल भारतीय सेवा के जो अधिकारी वर्तमान में एनपीएस में नामांकित हैं और एक अप्रैल 2025 तक सेवा में हैं, वे 30 जून 2025 तक फॉर्म-ए2 जमा कर यूपीएस का विकल्प चुन सकते हैं। नव नियुक्त अधिकारी अपने एनपीएस नामांकन के समय केवाईसी और बैंक दस्तावेजों के साथ फॉर्म-ए1 जमा कर सीधे यूपीएस का विकल्प चुन सकते हैं। अधिकारियों को अपने आवेदन तीन प्रतियों में कार्यालय प्रमुख को जमा करने होंगे। एनपीएस/यूपीएस के लिए नामित नोडल कार्यालय प्रमुख और ट्रेजरी अधिकारी आवेदनों को सत्यापित करेंगे और उन्हें कोषागार, लेखा और लॉटरी निदेशालय को भेजेंगे। इसके बाद काडर नियंत्रण प्राधिकरण अधिकारियों की सेवा पुस्तिकाओं को तदनुसार अपडेट करेंगे।
यूपीएस के तहत नियोक्ता और कर्मचारी का योगदान मूल वेतन जमा महंगाई भत्ता (डीए) का 10 फीसदी होगा। यूपीएस के तहत एक पूल किए गए कोष में अतिरिक्त सरकारी योगदान नोडल एजेंसी की ओर से प्रबंधित किया जाएगा। पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण के दिशा निर्देशों के अनुसार एनपीएस में शामिल अधिकारियों को 30 जून तक यूपीएस में शिफ्ट होने का विकल्प चुनना होगा।